कोई सरकारी भवन खाली नहीं रहे, उपलब्धता के अनुसार विभागों को आवंटित किए जायें
अजमेर। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि उनके अधीन कार्यक्षेत्र में कोई राजकीय भवन खाली या अधूरी अवस्था में नहीं रहें, उसे संबंधित विभाग को उपलब्ध करवाये जाने का प्रयास किया जायें ताकि राज्य सरकार को अनावश्यक रूप से किराये पर भवन नहीं लेना पड़ें।
जिला कलेक्टर ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा भवन किराये पर लेने के लिये प्रति वर्ष अनुपलब्धता प्रमाण पत्र चाहा जाता है। इस संबंध में उपखण्ड अधिकारीऐसे प्रकरणों में उक्त स्थान पर विषयान्तर्गत उल्लेखित भवन/अन्य विभागों द्वारा रिक्त किये गये भवनों की उपलब्धता देखकर ही रिपोर्ट कलक्ट्रेट कार्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने समस्त विभागों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्यालय भवन हेतु अनुपलब्धता प्रमाण पत्र चाहने से पूर्व अपने क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी से सम्पर्क करें तथा यदि कोई राजकीय भवन रिक्त या अधूरी अवस्था में उपलब्ध हो तो उसे उपयोग में लेवें ताकि अनावश्यक रूप से किराये पर भवन नहीं लेना पड़े।
जिला कलेक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को अपने क्षेत्र के ऐसे सभी उपयोग योग्य, अधूरे, अबेन्डन, जीर्ण शीर्ण अवस्था वाले सभी राजकीय, गैर आवासीय एवं आवासीय भवनों के संबंध में सम्पति रजिस्टर संधारित करने के निर्देश भी दियें तथा बताया कि जब भी कोई राजकीय विभाग ऐसा कोई भवन अस्थाई रूप से आवंटित करने हेतु आवेदन करता है तो उक्त ग्राम शहर में उपरोक्त संघारित सम्पति रजिस्टर से मिलान किया जायेगा एवं देखा जायेगा कि विभाग की आवश्यकता के अनुरूप उपयोग योग्य, अधूरे, जीर्ण शीर्ण, अनुपयोगी भवन उपलब्ध है या नहीं। साथ ही अधूरे जीर्ण शीर्ण भवनों को कितनी राशि में ठीक करवा कर उपयोग योग्य बनाया जा सकता है उसका तकमीना सार्वजनिक निर्माण विभाग /अन्य कार्यकारी एजेन्सी से तैयार कराया जायेगा तथा संबंधित विभाग को नक्शा मय तकमीना उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त सम्पति रजिस्टर को हर तीन माह में अपडेट कर सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा।
जिला कलेक्टर ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा भवन किराये पर लेने के लिये प्रति वर्ष अनुपलब्धता प्रमाण पत्र चाहा जाता है। इस संबंध में उपखण्ड अधिकारीऐसे प्रकरणों में उक्त स्थान पर विषयान्तर्गत उल्लेखित भवन/अन्य विभागों द्वारा रिक्त किये गये भवनों की उपलब्धता देखकर ही रिपोर्ट कलक्ट्रेट कार्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने समस्त विभागों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्यालय भवन हेतु अनुपलब्धता प्रमाण पत्र चाहने से पूर्व अपने क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी से सम्पर्क करें तथा यदि कोई राजकीय भवन रिक्त या अधूरी अवस्था में उपलब्ध हो तो उसे उपयोग में लेवें ताकि अनावश्यक रूप से किराये पर भवन नहीं लेना पड़े।
जिला कलेक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को अपने क्षेत्र के ऐसे सभी उपयोग योग्य, अधूरे, अबेन्डन, जीर्ण शीर्ण अवस्था वाले सभी राजकीय, गैर आवासीय एवं आवासीय भवनों के संबंध में सम्पति रजिस्टर संधारित करने के निर्देश भी दियें तथा बताया कि जब भी कोई राजकीय विभाग ऐसा कोई भवन अस्थाई रूप से आवंटित करने हेतु आवेदन करता है तो उक्त ग्राम शहर में उपरोक्त संघारित सम्पति रजिस्टर से मिलान किया जायेगा एवं देखा जायेगा कि विभाग की आवश्यकता के अनुरूप उपयोग योग्य, अधूरे, जीर्ण शीर्ण, अनुपयोगी भवन उपलब्ध है या नहीं। साथ ही अधूरे जीर्ण शीर्ण भवनों को कितनी राशि में ठीक करवा कर उपयोग योग्य बनाया जा सकता है उसका तकमीना सार्वजनिक निर्माण विभाग /अन्य कार्यकारी एजेन्सी से तैयार कराया जायेगा तथा संबंधित विभाग को नक्शा मय तकमीना उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त सम्पति रजिस्टर को हर तीन माह में अपडेट कर सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा।