देश के गरीबों के लिए GST एक कामयाब व्यवस्था साबित होगा : पीएम मोदी
नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुड्स एंड सर्विस टेक्स की लॉन्चिंग के अवसर पर संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित जीएसटी समारोह में देश को सम्बोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी देश के गरीबों के लिए एक कामयाब व्यवस्था साबित होगा। जीएसटी एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके कारण विकास की राह में अपनी जगह तलाशने वाले राज्यों को भी आगे बढ़ने की व्यवस्था मिलेगी। इससे हिन्दुस्तान के सभी राज्यों को विकास की राह पर आगे बढ़ने के समान अवसर मिलेंगे।
संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित जीएसटी समारोह बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से गीता में 18 अध्याय है, ठीक उसी तरह से जीएसटी के लिए भी जीएसटी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सीधे शब्दों में एक इसी व्यवस्था है जो 17 अप्रत्यक्ष करों से आजादी देने वाली व्यवस्था है, जिसकी आज रात से लॉन्चिंग हो गई है। जीएसटी महज एक आर्थिक रिफॉर्म ही नहीं बल्कि एक सामाजिक व्यवस्था भी है।
उन्होंने कहा कि, जीएसटी को जैसे आप लोग 'गुड्स एंड सर्विस टेक्स' कह रहे हैं, असल में वह 'गुड्स एंड सिम्पल टेक्स' है। गुड्स इसलिए क्योंकि ये 17 अप्रत्यक्ष करों से आजादी देने वाली व्यवस्था है और सिम्पल इसलिए क्योंकि ये पूरे देशभर में एक समान टेक्स की व्यवस्था प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि अल्बर्ट आइंसटीन ने कहा था कि समझने के लिए सबसे मुश्किल कोई चीज है तो वो इनकम टैक्स है, लेकिन आज मैं सोच रहा हूं कि वो यहां होते तो इतने सारे टेक्स को देखकर पता नहीं क्या कहते। जीएसटी आने के बाद गंगानगर से लेकर ईटानगर तक, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तमाम टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी। जीएसटी कॉवरेटिव फेडरिज्म की एक मिसाल है, जो हमें साथ मिलकर चलने की प्रेरणा देगा।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जीएसटी काउंसिल को धन्यवाद देता हूं. मैं उन सब को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया। ये अजब संयोग है कि गीता में भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुईं। जीएसटी सिर्फ आर्थिक सुधार तक संभव हो ऐसा नहीं है, ये जो दिशा हमने तय निर्धारित की है, जिस व्यवस्था का निर्माण किया है, ये किसी एक दल की सिद्धी नहीं है। ये हम सब की सांझी विरासत है। मध्य रात्रि में आज हम एक साथ आए हैं। ये वो जगह है जहां इस देश के अनेक महापुरुषों के चरणों ने इसे पावन किया है। यह सभागार संविधान सभा की पहली सभा का साक्षी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में कई ऐसे मौके आते हैं, जब हम नए मुकाम पर पहुंचने की कोशिश करते हैं। आज इस हॉल में मिलकर हम देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा। सवा सौ करोड़ देशवाशी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। एक नई अर्थव्यवस्था के लिए, संघीय ढांचे के लिए इस पवित्र स्थान से अच्छा कोई नहीं हो सकता।
संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित जीएसटी समारोह बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से गीता में 18 अध्याय है, ठीक उसी तरह से जीएसटी के लिए भी जीएसटी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सीधे शब्दों में एक इसी व्यवस्था है जो 17 अप्रत्यक्ष करों से आजादी देने वाली व्यवस्था है, जिसकी आज रात से लॉन्चिंग हो गई है। जीएसटी महज एक आर्थिक रिफॉर्म ही नहीं बल्कि एक सामाजिक व्यवस्था भी है।
उन्होंने कहा कि, जीएसटी को जैसे आप लोग 'गुड्स एंड सर्विस टेक्स' कह रहे हैं, असल में वह 'गुड्स एंड सिम्पल टेक्स' है। गुड्स इसलिए क्योंकि ये 17 अप्रत्यक्ष करों से आजादी देने वाली व्यवस्था है और सिम्पल इसलिए क्योंकि ये पूरे देशभर में एक समान टेक्स की व्यवस्था प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि अल्बर्ट आइंसटीन ने कहा था कि समझने के लिए सबसे मुश्किल कोई चीज है तो वो इनकम टैक्स है, लेकिन आज मैं सोच रहा हूं कि वो यहां होते तो इतने सारे टेक्स को देखकर पता नहीं क्या कहते। जीएसटी आने के बाद गंगानगर से लेकर ईटानगर तक, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तमाम टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी। जीएसटी कॉवरेटिव फेडरिज्म की एक मिसाल है, जो हमें साथ मिलकर चलने की प्रेरणा देगा।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जीएसटी काउंसिल को धन्यवाद देता हूं. मैं उन सब को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया। ये अजब संयोग है कि गीता में भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुईं। जीएसटी सिर्फ आर्थिक सुधार तक संभव हो ऐसा नहीं है, ये जो दिशा हमने तय निर्धारित की है, जिस व्यवस्था का निर्माण किया है, ये किसी एक दल की सिद्धी नहीं है। ये हम सब की सांझी विरासत है। मध्य रात्रि में आज हम एक साथ आए हैं। ये वो जगह है जहां इस देश के अनेक महापुरुषों के चरणों ने इसे पावन किया है। यह सभागार संविधान सभा की पहली सभा का साक्षी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में कई ऐसे मौके आते हैं, जब हम नए मुकाम पर पहुंचने की कोशिश करते हैं। आज इस हॉल में मिलकर हम देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा। सवा सौ करोड़ देशवाशी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। एक नई अर्थव्यवस्था के लिए, संघीय ढांचे के लिए इस पवित्र स्थान से अच्छा कोई नहीं हो सकता।