बीसूका उपाध्यक्ष एवं पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ. दिगम्बर सिंह का निधन
जयपुर। राजस्थान के बीस सूत्री कार्यक्रम (बीसूका) के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. दिगंबर सिंह नहीं रहे हैं, उनका आज सुबह जयपुर में जवाहर सर्किल स्थित ईएचसीसी हॉस्पिटल में निधन हो गया है। दिगंबर सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और 18 अक्टूबर को तबियत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर के ईएचसीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ईएचसीसी हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था, जिसके बाद डॉ. सिंह ने शुक्रवार सुबह ईएचसीसी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री एवं डीग-कुम्हेर विधानसभा से विधायक रह चुके डॉ. दिंगबर सिंह के निधन की खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ समेत कई भाजपा नेता ईएचसीसी हॉस्पिटल पहुंचे हैं। वहीं उनके निधन की सूचना पर भाजपा एवं राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर छाई हुई है।
डॉ. सिंह अंतिम समय में उनके पास पंचायतराज मंत्री राजेंद्र राठौड़ और पूर्व केंद्रीय सुभाष महरिया थे। डॉ. दिगंबर सिंह के निधन का समाचार मिलते ही सीएम वसुंधरा राजे भी अस्पताल पहुंची। हालांकि दो दिन पहले भी सीएम ने अस्पताल पहुंचकर डॉ. सिंह के हाल-चाल जाने थे, लेकिन किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि डॉ. सिंह का निधन हो जाएगा। क्योंकि पहले जब वे बीमार हुए, तब भी उन्होंने रिकवर कर लिया गया था।
गत दिनों उनकी कार्यकुशलता के चलते सीएम राजे ने उन्हें पांच विभागों की विभिन्न योजनाओं का कॉर्डिनेटर भी बनाया था। वहीं वे भरतपुर में चुनाव हारने के बाद झुंझुनूं के सूरजगढ़ उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी थे। अपनी जिंदगी का आखिरी चुनाव उन्होंने झुंझुनूं के सूरजगढ़ से लड़ा। बताया जाता है कि जनसंघ के जमाने से राजनीति में डॉ. दिगंबर सिंह सक्रिय थे, वहीं भरतपुर और जाट राजनीति में एक सशक्त और निर्विवाद चेहरा थे।
गौरतलब है कि बीते तीन महीने में भाजपा के चार बड़े नेताओं का निधन हुआ है, जिसे भाजपा के लिए बड़े नुकसान के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के जिन चार नेताओं का निधन हुआ है, उनमें सांवरलाल जाट, महंत चांदनाथ, कीर्ति कुमारी, शंभूदयाल बड़गुर्जर और डॉ. दिगंबर सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें से दो नेताओं सांवरलाल जाट और डॉ दिगम्बर सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खासे करीबी नेता माना जाता है।
राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री एवं डीग-कुम्हेर विधानसभा से विधायक रह चुके डॉ. दिंगबर सिंह के निधन की खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ समेत कई भाजपा नेता ईएचसीसी हॉस्पिटल पहुंचे हैं। वहीं उनके निधन की सूचना पर भाजपा एवं राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर छाई हुई है।
डॉ. सिंह अंतिम समय में उनके पास पंचायतराज मंत्री राजेंद्र राठौड़ और पूर्व केंद्रीय सुभाष महरिया थे। डॉ. दिगंबर सिंह के निधन का समाचार मिलते ही सीएम वसुंधरा राजे भी अस्पताल पहुंची। हालांकि दो दिन पहले भी सीएम ने अस्पताल पहुंचकर डॉ. सिंह के हाल-चाल जाने थे, लेकिन किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि डॉ. सिंह का निधन हो जाएगा। क्योंकि पहले जब वे बीमार हुए, तब भी उन्होंने रिकवर कर लिया गया था।
गत दिनों उनकी कार्यकुशलता के चलते सीएम राजे ने उन्हें पांच विभागों की विभिन्न योजनाओं का कॉर्डिनेटर भी बनाया था। वहीं वे भरतपुर में चुनाव हारने के बाद झुंझुनूं के सूरजगढ़ उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी थे। अपनी जिंदगी का आखिरी चुनाव उन्होंने झुंझुनूं के सूरजगढ़ से लड़ा। बताया जाता है कि जनसंघ के जमाने से राजनीति में डॉ. दिगंबर सिंह सक्रिय थे, वहीं भरतपुर और जाट राजनीति में एक सशक्त और निर्विवाद चेहरा थे।
गौरतलब है कि बीते तीन महीने में भाजपा के चार बड़े नेताओं का निधन हुआ है, जिसे भाजपा के लिए बड़े नुकसान के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के जिन चार नेताओं का निधन हुआ है, उनमें सांवरलाल जाट, महंत चांदनाथ, कीर्ति कुमारी, शंभूदयाल बड़गुर्जर और डॉ. दिगंबर सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें से दो नेताओं सांवरलाल जाट और डॉ दिगम्बर सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खासे करीबी नेता माना जाता है।