एक घर से साथ-साथ निकली डोली और अर्थी, फेरों के बाद तबियत बिगड़ने से हुई दुल्हन की मौत
सीकर। 'एक डोली चली एक अर्थी चली...' इस बोल वाला गीत आपने जरूर सुना होगा, जिसमें डोली और अर्थी के बीच की समानताएं और अन्तर बताए जाते हैं। लेकिन क्या इस बात की कल्पना भी की जा सकती है कि कहीं सचमुच ऐसा हो सकता है। इस गीत को दो बहनों ने उस वक्त चरितार्थ कर दिया, जब दोनों बहनों की शादी में फेरों के दौरान एक बहन की तबियत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। जबकि दूसरी बहन को उसके ससुराल विदा किया गया।
वाकिया सीकर जिले में अजीतगढ़ थाना इलाके के गांव बुर्जा की ढाणी का है, जहां बीती रात को दो बहनों की शादी की रस्मों में फेरों के दौरान एक दुल्हन की तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई, जिसके बाद शादी की शहनाई मातम और शोक में तब्दील हो गई। वहीं शादी की रस्में पूरी हो जाने के चलते दूसरी दुल्हन को डोली में बैठाकर उसके ससुराल विदा किया गया। इस वाकिये के बारे में गांव में जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया।
जानकारी के अनुसार, बुर्जा की ढाणी में एक मजदूर पिता ने बड़े अरमानों से अपनी दो बेटियों का विवाह तय किया था। दोनों बेटियों का विवाह रविवार को फेरों के बाद सम्पन्न हुआ ही था कि तभी छोटी बेटी संतोष, जो पिछले 5-7 दिन से बुखार से पीड़ित थी उसकी तबियत अचानक से बिगड़ गई। इसके बाद उसे अजीतगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां आज सुबह उसकी मौत हो गई।
दुल्हन की मौत के बारे मे जानकारी मिलने के साथ ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया और शादी की शहनाईयों से गूंज रहा घर मौत के रुदन के साथ मातम में बदल गया। चूंकि शादी की सभी रस्में पूरी हो चुकी थी, इसलिए बड़ी बहन को ससुराल विदा करना भी जरूरी था। इसलिए बड़ी दुल्हन को डोली में बैठाकर विदा करने के बाद छोटी दुल्हन का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
वाकिया सीकर जिले में अजीतगढ़ थाना इलाके के गांव बुर्जा की ढाणी का है, जहां बीती रात को दो बहनों की शादी की रस्मों में फेरों के दौरान एक दुल्हन की तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई, जिसके बाद शादी की शहनाई मातम और शोक में तब्दील हो गई। वहीं शादी की रस्में पूरी हो जाने के चलते दूसरी दुल्हन को डोली में बैठाकर उसके ससुराल विदा किया गया। इस वाकिये के बारे में गांव में जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया।
जानकारी के अनुसार, बुर्जा की ढाणी में एक मजदूर पिता ने बड़े अरमानों से अपनी दो बेटियों का विवाह तय किया था। दोनों बेटियों का विवाह रविवार को फेरों के बाद सम्पन्न हुआ ही था कि तभी छोटी बेटी संतोष, जो पिछले 5-7 दिन से बुखार से पीड़ित थी उसकी तबियत अचानक से बिगड़ गई। इसके बाद उसे अजीतगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां आज सुबह उसकी मौत हो गई।
दुल्हन की मौत के बारे मे जानकारी मिलने के साथ ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया और शादी की शहनाईयों से गूंज रहा घर मौत के रुदन के साथ मातम में बदल गया। चूंकि शादी की सभी रस्में पूरी हो चुकी थी, इसलिए बड़ी बहन को ससुराल विदा करना भी जरूरी था। इसलिए बड़ी दुल्हन को डोली में बैठाकर विदा करने के बाद छोटी दुल्हन का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।