आरयूजे ग्रुप ने किया स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट का उद्घाटन
जयपुर। भारतीय मूल के स्विट्जरलैंड बेस्ड वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र जोशी व उनकी पत्नी उर्सुला जोशी के नेतृत्व वाले आरयूजे समूह ने जयपुर स्थित महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी एसआरएम मैकेनिक्स के संयुक्त उद्यम में भारत की अपनी तरह की पहली 'स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली' यूनिट की स्थापना की है। आरयूजे एवं एसआरएम मैकेनिक्स के इस गठबंधन को आरएस इंडिया का नाम दिया गया है, जिसने इस यूनिट की स्थापना की है, वहीं इसका मुख्य उद्देश्य भारत की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' पहल को सार्थक व असरदार बनाया जाना है।
इस यूनिट का लक्ष्य विनिर्माण उद्योग को मैटल एनोडाइजिंग, पेंटिंग व हीट ट्रीटमेंट, आदि के मूल्यवर्धन समेत उच्च परिशुद्धतापूर्ण धातु के पुर्जों की उनकी जरूरत के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान मुहैया कराना है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, आॅटोमोटिव, पॉलीमैकेनिकल, मशीन आटोमेशन, लैबोरेटरी तकनीक, फोटो तकनीक व एयरोस्पेस, आदि जैसे क्षेत्रों को विनिर्माण समाधान मुहैया कराना है, जहां अंतिम उत्पाद में हाई प्रीसिशन पार्ट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
आरयूजे ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र जोशी ने कहा कि भारत में कई क्षेत्रों में प्रीसिशन पार्ट्स की अच्छी मांग है व प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माताओं की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या के बावजूद यह क्षेत्र आयात पर निर्भर है। आॅटोमोटिव, स्वास्थ्य सेवा, रसद, इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों जैसे अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों के विकास व विस्तार के लिए प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माण में निवेश आवश्यक है। भारत में अवसर को देखते हुए हम अंतरराष्ट्रीय मशीनरी व तकनीक युक्त विश्वस्तरीय संयंत्र के साथ स्विस प्रीसिशन और असेंबली साॅल्यूशन भारत में मुहैया करा रहे हैं।
वहीं स्विट्जरलैंड की एसआरएम टेक्नोलॉजीज एजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर स्ट्रेबेल ने कहा कि विकासशील देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और कड़ी होती जा रही है और हाल ही में कीमतें बढ़ाने वाले व भारतीय एवं स्विस उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम करने वाले आर्थिक लाभों को लेकर भारतीय उत्पादक घाटे में हैं। अपनी बढ़त को कायम रखने के लिए भारतीय विनिर्माता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कुशल व प्रभावी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। इन बदलावों को अपनाते हुए सभी औद्योगिक क्षेत्रों के उत्पादक लगातार उत्पादन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने व सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में आने के बाद अब हम एसआरएम की उत्कृष्टता का उपयोग करते हुए आरएस इंडिया को इन चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे।
गौरतलब है कि आरएस इंडिया में मिलिंग, टर्निंग, स्विस स्टाइल लेथ व टर्निंग, सरफेस ग्राइंडिंग, सिलिंड्रिकल ग्राइंडिंग, पंचिंग, लेजर कटिंग, हीट ट्रीटिंग, एनोडाइजिंग, प्लांटिंग, पाउडर कोटिंग, डायरैक्ट मटीरियल लेजर सिंटरिंग (डीएमएलएस), इंजैक्शन मोल्डिंग जैसी विनिर्माण प्रक्रियाएं आॅस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, जर्मनी व जापान से आयातित तकनीकी तौर पर उन्नत मशीनरियों के माध्यम से उपलब्ध हैं।
300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ इस अत्याधुनिक स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट में उच्च गुणवत्ता की उन्नत मशीनें हैं, जिन्हें आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, जर्मनी व जापान से आयात किया गया है। ये मशीनें रोज 24 घंटों तक उत्पादन करने में सक्षम हैं। यह मशीनें प्रोग्रामेबल विजुअल सिस्टम्स युक्त हैं, जो प्रक्रिया नियंत्रण क्षमता में इजाफा करते हैं। इन सिस्टम्स से निरीक्षण समय कम करने, मानवीय गलतियां खत्म करने और रीयल टाइम स्टेटिस्टिकल डेटा जनरेट करने में मदद मिलती है, जिससे गुणवत्ता की लगातार निगरानी संभव हो पाती है।
इस यूनिट का लक्ष्य विनिर्माण उद्योग को मैटल एनोडाइजिंग, पेंटिंग व हीट ट्रीटमेंट, आदि के मूल्यवर्धन समेत उच्च परिशुद्धतापूर्ण धातु के पुर्जों की उनकी जरूरत के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान मुहैया कराना है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, आॅटोमोटिव, पॉलीमैकेनिकल, मशीन आटोमेशन, लैबोरेटरी तकनीक, फोटो तकनीक व एयरोस्पेस, आदि जैसे क्षेत्रों को विनिर्माण समाधान मुहैया कराना है, जहां अंतिम उत्पाद में हाई प्रीसिशन पार्ट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
आरयूजे ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र जोशी ने कहा कि भारत में कई क्षेत्रों में प्रीसिशन पार्ट्स की अच्छी मांग है व प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माताओं की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या के बावजूद यह क्षेत्र आयात पर निर्भर है। आॅटोमोटिव, स्वास्थ्य सेवा, रसद, इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों जैसे अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों के विकास व विस्तार के लिए प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माण में निवेश आवश्यक है। भारत में अवसर को देखते हुए हम अंतरराष्ट्रीय मशीनरी व तकनीक युक्त विश्वस्तरीय संयंत्र के साथ स्विस प्रीसिशन और असेंबली साॅल्यूशन भारत में मुहैया करा रहे हैं।
वहीं स्विट्जरलैंड की एसआरएम टेक्नोलॉजीज एजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर स्ट्रेबेल ने कहा कि विकासशील देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और कड़ी होती जा रही है और हाल ही में कीमतें बढ़ाने वाले व भारतीय एवं स्विस उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम करने वाले आर्थिक लाभों को लेकर भारतीय उत्पादक घाटे में हैं। अपनी बढ़त को कायम रखने के लिए भारतीय विनिर्माता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कुशल व प्रभावी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। इन बदलावों को अपनाते हुए सभी औद्योगिक क्षेत्रों के उत्पादक लगातार उत्पादन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने व सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में आने के बाद अब हम एसआरएम की उत्कृष्टता का उपयोग करते हुए आरएस इंडिया को इन चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे।
गौरतलब है कि आरएस इंडिया में मिलिंग, टर्निंग, स्विस स्टाइल लेथ व टर्निंग, सरफेस ग्राइंडिंग, सिलिंड्रिकल ग्राइंडिंग, पंचिंग, लेजर कटिंग, हीट ट्रीटिंग, एनोडाइजिंग, प्लांटिंग, पाउडर कोटिंग, डायरैक्ट मटीरियल लेजर सिंटरिंग (डीएमएलएस), इंजैक्शन मोल्डिंग जैसी विनिर्माण प्रक्रियाएं आॅस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, जर्मनी व जापान से आयातित तकनीकी तौर पर उन्नत मशीनरियों के माध्यम से उपलब्ध हैं।
300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ इस अत्याधुनिक स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट में उच्च गुणवत्ता की उन्नत मशीनें हैं, जिन्हें आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, जर्मनी व जापान से आयात किया गया है। ये मशीनें रोज 24 घंटों तक उत्पादन करने में सक्षम हैं। यह मशीनें प्रोग्रामेबल विजुअल सिस्टम्स युक्त हैं, जो प्रक्रिया नियंत्रण क्षमता में इजाफा करते हैं। इन सिस्टम्स से निरीक्षण समय कम करने, मानवीय गलतियां खत्म करने और रीयल टाइम स्टेटिस्टिकल डेटा जनरेट करने में मदद मिलती है, जिससे गुणवत्ता की लगातार निगरानी संभव हो पाती है।