दारिया एनकाउंटर मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, सभी आरोपियों को किया बरी
जयपुर। राजस्थान में सियासी बवाल मचाने वाले करीब साढ़े 11 साल पुराने बहुचर्चित मामले दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर मामले में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में आज एडीजे कोर्ट—14 में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन और आईपीएस ए पोनूच्चामी समेत 16 लोगों को आरोपित किया गया था। वहीं इससे पूर्व 23 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर किए जाने का आरोप है और इस मामले को लेकर राजधानी जयपुर में एडीजे कोर्ट-14 में आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस एनकाउंटर को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुशीला देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई के पास ट्रांसफर कर दिया था।
मामले को सीबीआई में भेजे जाने के बाद सीबीआई जांच में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एके जैन और पुलिस अधीक्षक सहित पोन्नूचामी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को दोषी माना गया। इस पर राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट अपील की थी।
इस मामले में पुलिस के कई अधिकारी तो अभी भी जेल में बंद है, लेकिन राठौड़ पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमानत पर बहार आए है। ऐसे में अब जब अधीनस्थ कोर्ट ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, तो सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का कोई औचित्य नहीं रहा है। इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन, आईपीएस ए पोनूच्चामी, अरशद अली, नरेश शर्मा, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, सत्यनारायण गोदारा, जुल्फीकार, अरविन्द भारद्वाज, सुरेन्द्र सिंह, निसार खान, सरदार सिंह, बद्री प्रसाद, जगराम और मुशींराम को आरोपित किया गया था।
क्या है दारा सिंह एनकाउंटर मामला :
दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर का मामला करीब साढ़े 11 साल पुराना मामला है, जिसमें जयपुर में मानसरोवर के कमला नेहरू नगर में 23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह एनकाउंटर किया गया था। इस मामले को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसके बाद सीबीआई ने जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की। इस मामले में 2011 में आईपीसी अधिकारी अरविंद कुमार जैन और ए पोनूच्चामी सहित 14 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। साल 2012 में अप्रेल के माह में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को गिरफ्तार किया था, लेकिन करीब दो महीने जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया, वहीं फरारी के दौरान आरोपी विजय चौधरी की मौत हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद 17 आरोपितो के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी।
23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर किए जाने का आरोप है और इस मामले को लेकर राजधानी जयपुर में एडीजे कोर्ट-14 में आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस एनकाउंटर को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुशीला देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई के पास ट्रांसफर कर दिया था।
मामले को सीबीआई में भेजे जाने के बाद सीबीआई जांच में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एके जैन और पुलिस अधीक्षक सहित पोन्नूचामी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को दोषी माना गया। इस पर राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट अपील की थी।
इस मामले में पुलिस के कई अधिकारी तो अभी भी जेल में बंद है, लेकिन राठौड़ पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमानत पर बहार आए है। ऐसे में अब जब अधीनस्थ कोर्ट ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, तो सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का कोई औचित्य नहीं रहा है। इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन, आईपीएस ए पोनूच्चामी, अरशद अली, नरेश शर्मा, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, सत्यनारायण गोदारा, जुल्फीकार, अरविन्द भारद्वाज, सुरेन्द्र सिंह, निसार खान, सरदार सिंह, बद्री प्रसाद, जगराम और मुशींराम को आरोपित किया गया था।
क्या है दारा सिंह एनकाउंटर मामला :
दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर का मामला करीब साढ़े 11 साल पुराना मामला है, जिसमें जयपुर में मानसरोवर के कमला नेहरू नगर में 23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह एनकाउंटर किया गया था। इस मामले को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसके बाद सीबीआई ने जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की। इस मामले में 2011 में आईपीसी अधिकारी अरविंद कुमार जैन और ए पोनूच्चामी सहित 14 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। साल 2012 में अप्रेल के माह में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को गिरफ्तार किया था, लेकिन करीब दो महीने जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया, वहीं फरारी के दौरान आरोपी विजय चौधरी की मौत हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद 17 आरोपितो के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी।