विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण सरंक्षण का लिया संकल्प
अजमेर। विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण सरंक्षण आह्वान करते हुए संरक्षक दीपक हासानी ने सिंधु सत्कार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज पृथ्वी पर जीवन के बुनियादी आधार हवा, पानी और मिट्टी तीनों पर ही बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक व वैज्ञानिक विकास की वजह से पर्यावरण खतरा मंडरा रहा है। हम ग्लोबल वार्मिंग और प्रदुषण जैसे आपदाओं से घिरे हुए हैं क्योंकि अनुमान है कि प्रत्येक वर्ष लगभग पांच से सात मिलियन हेक्टयेर भूमि की हानि हो रही है। इसलिए पर्यावरण सुरक्षा और संतुलन प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
सिंधु सत्कार समिति के अध्यक्ष राजेश आनन्द और मीडिया प्रभारी नरेश राघानी ने समिति के जनोपयोगी उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम अपने प्रकृति के सौंदर्य को देख कर कितना खुश होते हैं और उसी प्रकृति को प्रदूषित करते समय सोचते तक नहीं हैं।
महिला मंडल अध्यक्ष अनीता शिवनानी और सचिव निशा जसवानी और हर्षा बाशानी ने कहा कि पर्यावरण को पॉलीथिन भारी नुकसान पहुंचा रही है । हम कपड़ा, जूट व कागज के बैग को बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दें। प्रोफेसर डॉ. दीपा थदानी ने सचेत करते हुए बताया कि पॉलीथिन का कचरा जलाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड एवं डाईआक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं। इनसे सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। युवा अध्यक्ष गिरीश लालवानी, वासुदेव सोनी, हरीश विधानी, एडवोकेट ज्योति खेमानी, आशा लालचंदानी, सुनीता चांडवानी ने भी विचार व्यक्त किए ।
संस्थापक डॉ. लाल थदानी ने जानकारी दी कि हर साल पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है। एक परिवार एक पेड़ को साकार करने का आह्वान करते हुए कहा कि जन−जागृति, जन जिम्मेदारी, जन भागीदारी, जन कार्यवाही, सामाजिक दायित्व एवं सामाजिक संकल्प लेकर सिंधु सत्कार समिति के सभी सदस्य जनपयोगी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उत्साहित और संकल्पबद्ध है ।
सिंधु सत्कार समिति के अध्यक्ष राजेश आनन्द और मीडिया प्रभारी नरेश राघानी ने समिति के जनोपयोगी उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम अपने प्रकृति के सौंदर्य को देख कर कितना खुश होते हैं और उसी प्रकृति को प्रदूषित करते समय सोचते तक नहीं हैं।
महिला मंडल अध्यक्ष अनीता शिवनानी और सचिव निशा जसवानी और हर्षा बाशानी ने कहा कि पर्यावरण को पॉलीथिन भारी नुकसान पहुंचा रही है । हम कपड़ा, जूट व कागज के बैग को बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दें। प्रोफेसर डॉ. दीपा थदानी ने सचेत करते हुए बताया कि पॉलीथिन का कचरा जलाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड एवं डाईआक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं। इनसे सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। युवा अध्यक्ष गिरीश लालवानी, वासुदेव सोनी, हरीश विधानी, एडवोकेट ज्योति खेमानी, आशा लालचंदानी, सुनीता चांडवानी ने भी विचार व्यक्त किए ।
संस्थापक डॉ. लाल थदानी ने जानकारी दी कि हर साल पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है। एक परिवार एक पेड़ को साकार करने का आह्वान करते हुए कहा कि जन−जागृति, जन जिम्मेदारी, जन भागीदारी, जन कार्यवाही, सामाजिक दायित्व एवं सामाजिक संकल्प लेकर सिंधु सत्कार समिति के सभी सदस्य जनपयोगी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उत्साहित और संकल्पबद्ध है ।