सिंधी यात्री धर्मशाला का किया उद्घाटन
जोधपुर। पुज्य झूलेलाल विकास सोसाइटी जोधपुर की ओर से सोजती गेट स्थित झूलेलाल मंदिर में जोधपुर की पहली सिंधी यात्री धर्मशाला का उदघाटन समारोह 17 अप्रैल मंगलवार को सुबह 10:30 बजे किया गया। सोसाइटी अध्यक्ष भगवानदास मुरझानी व मंदिर के बाबा जयरामदास ने बताया कि इस नवनिर्मित धर्मशाला में 15 कमरे व एक सभागार (हाॅल) भवन का निर्माण किया गया है।
संत महात्माओं ने किया उदघाटन
धर्मशाला का उदघाटन विभिन्न शहरों के संत महात्माओं द्वारा किया गया। जिसमें अजमेंर के संत स्वरूपदास उदासी, पुष्कर के संत हनुमानदास उदासी, भीलवाड़ा के संत गणेशदास, किशनगढ़ के संत श्यामदास, ईश्वर प्रेम आश्रम जोधपुर की साध्वी नित्यमुक्ता व रामापीर मंहत भाऊ कन्हैयालाल, पंडित नरेन्द्र शर्मा व वरिष्ठ समाजसेवी मुरली गंगवानी द्वारा सयुंक्त रूप से फीता काटकर उदघाटन किया गया। इस अवसर पर शहर की विभिन्न सिंधी पंचायतों व संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर मंदिर मे भव्य सजावट की गई।
चाँद उत्सव मनाया
समारोह के दौरान चांद उत्सव मनाया गया तथा बहिराणा साहिब का आयोजन बाबा नारूमल मंडली के सेवादारों द्वारा भजनों का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिस पर महिलाएॅं व श्रद्वालु झूमने लगे।
ईश्वर मंगलानी, दुर्गादास, अशोक रंगवानी, रमेश ग्वालानी, राजु मोतियानी, राजु जेठवानी आदि ने इष्टदेव झूलेलाल के भजनों की प्रस्तुति दी। पल्लव व अरदास के साथ समारोह का समापन किया गया। इस अवसर पर महाप्रसादी भी की गई।
संत महात्माओं ने किया उदघाटन
धर्मशाला का उदघाटन विभिन्न शहरों के संत महात्माओं द्वारा किया गया। जिसमें अजमेंर के संत स्वरूपदास उदासी, पुष्कर के संत हनुमानदास उदासी, भीलवाड़ा के संत गणेशदास, किशनगढ़ के संत श्यामदास, ईश्वर प्रेम आश्रम जोधपुर की साध्वी नित्यमुक्ता व रामापीर मंहत भाऊ कन्हैयालाल, पंडित नरेन्द्र शर्मा व वरिष्ठ समाजसेवी मुरली गंगवानी द्वारा सयुंक्त रूप से फीता काटकर उदघाटन किया गया। इस अवसर पर शहर की विभिन्न सिंधी पंचायतों व संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर मंदिर मे भव्य सजावट की गई।
चाँद उत्सव मनाया
समारोह के दौरान चांद उत्सव मनाया गया तथा बहिराणा साहिब का आयोजन बाबा नारूमल मंडली के सेवादारों द्वारा भजनों का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिस पर महिलाएॅं व श्रद्वालु झूमने लगे।
ईश्वर मंगलानी, दुर्गादास, अशोक रंगवानी, रमेश ग्वालानी, राजु मोतियानी, राजु जेठवानी आदि ने इष्टदेव झूलेलाल के भजनों की प्रस्तुति दी। पल्लव व अरदास के साथ समारोह का समापन किया गया। इस अवसर पर महाप्रसादी भी की गई।